Class X (Hindi A) Sample Question Paper Session 2018-19
पीरियाडिक
टेस्ट - III
कक्षा – दशमी
विषय : हिंदी
निर्धारित समय
: 3 घंटे अधिकतम
अंक : 80
• इस प्रश्न-पत्र में चार खण्ड है – क, ख, ग, घ |
• चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
• यथासंभव प्रत्येक खण्ड के क्रमशः उत्तर दीजिए |
खण्ड ‘क’ : अपठित बोध
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
किसी भी जीव के शरीर और मानस के सबसे ऊपर मस्तिष्क है। इस मस्तिष्क का स्वभाव कैसे तय होता है? बुद्धि में होने वाले विचार से। इसका मतलब यह है कि किसी भी व्यक्ति के वंशानुगत स्वभाव को उसकी बुद्धि, उसका विवेक बदल सकता है। इसका मतलब यह है कि हमारे बर्ताव, हमारे कर्म पर हमारा वश है, चाहे दुनिया भर पर न भी हो। हम अपने स्वभाव को बदल सकते हैं, अपनी बुद्धि में बारीक बदलाव लाकर। इसके लिए हमें मस्तिष्क की रूप-रेखा पर एक नजर दौड़ानी होगी।
हमारे मस्तिष्क के दो विभिन्न भाग हैं : चेतन और अवचेतन। दोनों ही अलग-अलग प्रयोजनों के लिए जिम्मेदार हैं और दोनों के सीखने के तरीके भी अलग-अलग हैं। मस्तिष्क का चेतन भाग हमें विशिष्ट बनाता है, वही हमारी विशिष्टता है। इसकी वजह से एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से अलग होता है। हमारा कुछ अलग-सा स्वभाव, हमारी कुछ अनोखी सृजनात्मक शक्ति-ये सब मस्तिष्क के इसी हिस्से से संचालित होती हैं, तय होती हैं। हर व्यक्ति की चेतन रचनात्मकता ही उसकी मनोकामना, उसकी इच्छा और महत्वाकांक्षा तय करती है।
इसके विपरीत मस्तिष्क का अवचेतन हिस्सा एक ताकतवर प्रतिश्रुति यंत्र जैसा ही है। यह अब तक के रिकॉर्ड किए हुए अनुभव दोहराता रहता है। इसमें रचनात्मकता नहीं होती। यह उन स्वचालित क्रियाओं और उस सहज स्वभाव को नियंत्रित करता है, जो दुहरा-दुहराकर, हमारी आदत का एक हिस्सा बन चुका है। यह जरूरी नहीं है कि अवचेतन दिमाग की आदतें और प्रतिक्रियाएँ हमारी मनोकामनाओं या हमारी पहचान पर आधारित हों। दिमाग का यह हिस्सा अपने जन्म के थोड़े पहले, माँ के पेट में ही सीखना शुरू कर देता है जैसे जीवन के ‘चक्रव्यूह’ में उतरने से पहले ही ‘अभिमन्यु’ पाठ सीखने लगा हो! यहाँ से लेकर सात साल की उमर तक वे सारे कर्म और आचरण हमारे दिमाग का यह अवचेतन हिस्सा सीख लेता है जो भावी जीवन के लिए मूल आधार हैं।
(i) हम अपने स्वभाव को कैसे परिवर्तित कर सकते हैं?
(ii) हमारे मस्तिष्क के कौन-कौन से भाग होते हैं?
(iii) मस्तिष्क के चेतन भाग का क्या कार्य है?
(iv) अवचेतन मस्तिष्क से क्या अभिप्राय है?
(v) लेखक अभिमन्यु के माध्यम से क्या प्रतिपादित करना चाहता है?
2. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
आओ मिले सब देश बांधव हार बनकर देश के
साधक बनें सब प्रेम से सुख शांतिमय उद्देश्य के।
क्या साम्प्रदायिक भेद से है ऐक्य मिट सकता अहो ?
बनती नहीं क्या एक माला विविध सुमनों की कहो।
रक्खी, परस्पर मेल, मन से छोड़कर अविवेकता,
मन का मिलन ही है, होती उसी से एकता।
सब बैर और विरोध का बल-बोध से वारण व री।
है भिन्नता में खिन्नता ही, एकता धारण करो।
है कार्य ऐसा कौन-सा साधे न जिसको एकता,
देती नहीं अद्भुत अलौकिक शक्ति किसको एकता।
दो एक एकादश हुए किसने नहीं देखे सुने,
हाँ, शून्य के भी योग से हैं अंक होते दश गुने।
(i) कवि किस प्रकार देशवासियों से मिलने की बात कर रहा है?
(ii) साम्प्रदायिक विविधता की तुलना किससे की है?
(iii) उपयुक्त पद्यांश का उपयुक्त शीर्षक क्या होगा?
(iv) देशवासियों के लिए एकता को वरेण्य क्यों कहा है?
(v) एकता का विकास करने के लिए क्या करना चाहिए
खण्ड ‘ख’ : व्याकरण
3. निर्देशानुसार उत्तर दीजिए-
(क) ‘मैं दूध पीकर सो गया।’ संयुक्त वाक्य में बदलिये।
(ख) मिश्र वाक्य का एक उदाहरण लिखिए।
(ग) ‘सूर्योदय हुआ और पक्षी बोलने लगे।’ वाक्य का भेद लिखिए।
4. निर्देशानुसार वाच्य-परिवर्तन कीजिए-
(क) हरेन्द्र ने पुस्तक पढ़ ली है। (कर्मवाच्य में)
(ख) वे नहीं खेलते। (भाववाच्य में)
(ग) छात्रों से चुप नहीं बैठा जाता। (कर्तवाच्य में)
(घ) देवेन्द्र द्वारा मेरे लिए पुस्तकें लाई गई। (कर्तृवाच्य में)
5. निम्नांकित वाक्यों में रेखांकित पदों का परिचय दीजिए-
(क) साधु, ने कुटिया बनाई।
(ख) हम बाग में गए, परन्तु वहाँ एक आम भी नहीं मिला।
(ग) मैं धीरे-धीरे चलता हूँ।
(घ) हामिद बड़ी पतंग उड़ा रहा है।
6. निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार परिवर्तित करें
(क) सात्विक अनुभाव कितने प्रकार के होते हैं?
(ख) वीर रस का स्थायी भाव कौन-सा है?
(ग) मन पछितैहै अवसर बीते
दुर्लभ देह पाइ हरिपद भजु करम वचन अरु ही ते॥
इन पंक्तियों में कौन-सा रस है?
(घ) उधर गरजती सिंधु लहरियाँ कुटिल काल के जालों-सी
चली आ रही फेन उगलती फन फैलाए ब्यालों-सी।
इन पंक्तियों में कौन-सा रस है?
खण्ड ‘ग’ : पाठ्यपुस्तक व पूरक पाठ्यपुस्तक
7. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
लखनऊ स्टेशन पर खीरा बेचने वाले खीरे के इस्तेमाल का तरीका जानते हैं। ग्राहक के लिए जीरा-मिला नमक और पिसी हुई लाल मिर्च की पुड़िया भी हाज़िर कर देते हैं।
नवाब साहब ने बहुत करीने से खीरे की फॉकों पर जीरा-मिला नमक और लाल मिर्च की सुखी बुरक दी। उनकी प्रत्येक भाव-भंगिमा और जबड़ों के स्फुरण से स्पष्ट था कि उस प्रक्रिया में उनका मुख खीरे के रसास्वादन की कल्पना से प्लावित हो रहा था। हम कनखियों से देखकर सोच रहे थे, मियाँ रईस बनते हैं, लेकिन लोगों की नज़रों से बच सकने के खयाल में अपनी असलियत पर उतर आए हैं।
नवाब साहब ने फिर एक बार हमारी ओर देख लिया, ‘वल्लाह, शौक कीजिए, लखनऊ का बालम खीरा है!’
नमक-मिर्च छिड़क दिए जाने से ताज़े खीरे की पनियाती फाँकें देखकर पानी मुँह में ज़रूर आ रहा था, लेकिन इनकार कर चुके थे। आत्मसम्मान निबाना ही उचित समझा, उत्तर दिया शुक्रिया इस वक्त तलब महसूस नहीं हो रही, मेदा भी जरा कमजोर है, किबला शौक फरमाएँ।’
(क) कैसे कहा जा सकता है कि लखनऊ स्टेशन पर खीरा बेचने वाले खीरे के इस्तेमाल का तरीका भी जानते हैं?
(ख) नवाब साहब की भाव-भंगिमा देखकर लेखक के मन में क्या विचार आया?
(ग) लेखक ने खीरा खाने से इंकार क्यों कर दिया?
(ख) नवाब साहब की भाव-भंगिमा देखकर लेखक के मन में क्या विचार आया?
(ग) लेखक ने खीरा खाने से इंकार क्यों कर दिया?
8. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए-
आशय स्पष्ट कीजिए
(क) “बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थीजवानी-जिंदगी सब कुछ होम कर देने वालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूंढती है।”
(ख) लेखक नवाब साहब के जबड़ों के स्फुरण को देखकर क्या अनुभव कर रहे थे? अपने सामने खीरों को देखकर मुँह में पानी आने पर भी उन्होंने खीरे खाने के लिये नवाब साहब के अनुरोध को स्वीकृत क्यों नहीं किया?
(ग) मन्नू भंडारी की ऐसी कौन सी खुशी थी जो 15 अगस्त, 1947 की खुशी में । समाकर रह गई?
(घ) परंपराएँ विकास के मार्ग में अवरोधक हों तो उन्हें तोड़ना ही चाहिए, कैसे? ‘स्त्रीशिक्षा के विरोधी कुतकों का खंडन’ पाठ के आधार पर लिखिए।
9. निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए-
कितना प्रमाणिक था उसका दुःख
लड़की को दान में देते वक्त
जैसे वही उसकी अंतिम पूँजी हो
लड़की अभी सयानी नहीं थी।
अभी इतनी भोली सरल थी।
कि उसे सुख का आभास तो होता था
लेकिन दुःख बाँचना नहीं आता था
पाठिका थी। वह धुंधले प्रकाश की
कुछ तुकों और कुछ लयबद्ध पंक्तियों की
(क) काव्यांश की भाषा की विशेषता स्पष्ट कीजिए।
(ख) ‘दुख-बाँचने’ से कवि का क्या आशय है?
(ग) इन पंक्तियों को पढ़कर लड़की की जो छवि आपके सामने उभरकर आ रही है, उसे शब्द बद्ध कीजिए।
10. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए-
(क) गोपियों के अनुसार प्रीति की नदी में किसने पैर नहीं रखा है और उन्हें उसकी दृष्टि में क्या अभाव दिखाई दे रहा है?
(ख) बालक बसंत को पवन, मोर, तोता और कोयल किस प्रकार खिला और रिझा रहे हैं? स्पष्ट कीजिए।
(ग) कवि अपनी उज्ज्वल चाँदनी रातों वाली गाथा को क्यों नहीं सुनाना चाहते? इससे उनके जीवन के किस पहलू की स्थिति प्रगट होती है? ‘आत्मकथ्य’ कविता के आधार पर लिखिए।
(घ) कविता ‘छाया मत छूना’ में कवि ने कठिन यथार्थ के पूजन की बात किस कारण से की है? स्पष्ट कीजिए।
11. ‘जॉर्ज पंचम की नाक’ पाठ में वर्णित खोई हुई नाक से गुजरात के किन-किन महापुरूषों की नाक बड़ी निकली? आप इस कथन के द्वारा कौन-सा भाव ग्रहण करते हैं तथा यह व्यंग्य राष्ट्र के प्रति लेखक की किस भावना का परिचायक है?
खण्ड ‘घ’ : लेखन
12. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत-बिन्दुओं के आधार पर लगभग 200-250 शब्दों में निबंध लिखिए:
(क) प्रकृति का प्रकोप
• प्रकृति का दानव स्वरूप • कारण • समाधान्न
(ख) मुसीबत में ही मित्र की परख होती है।
• अच्छे मित्र की पहचान • मित्र के गुण • निष्कर्ष
(ग) सांप्रदायिकता एक अभिशाप
• सांप्रदायिकता का अर्थ • विश्वव्यापी समस्या • समस्या से मुक्ति।
13. अपनी दादी की चित्र-प्रदर्शनी पर अपनी प्रतिक्रिया लिखते हुए उन्हें बधाई-पत्र लिखिए।
14. न.प. उच्च-माध्यमिक विद्यालय को गणित अध्यापक की आवश्यकता है। इसके लिए 25-50 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए।
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